الــــلَّــــهُ الــــلَّــــهُ الــــلَّــــهُ رَبِّ
عَــــوْنِــــي وَ حَــــسْــــبِــــي مَــــالِــــي سِــــوَ
अल्लाह अल्लाह, माझा प्रभू
माझी मदत आणि माझी पुरेशी
كَــــمْ لَــــكَ مِــــنْ نِــــعْــــمَــــةٍ عَــــلَــــيَّ
وَلَــــمْ تَــــزَلْ مُــــحْــــسِــــنًــــا إِلَــــيَّ
किती आशीर्वाद तू माझ्यावर केला आहेस!
आणि तू माझ्याशी उदार आणि दयाळू राहिला आहेस
غَــــذَيْــــتَــــنِــــي فِــــي الْــــحَــــشَــــاجَــــنِــــيــــنَــــا
وَكُــــنْــــتَ لِــــي قَــــبْــــلَ وَالِــــدَيَّ
तू मला गर्भात पोसले
तू माझ्या दोन पालकांपूर्वी माझ्यासोबत होतास
خَــــلَــــقْــــتَــــنِــــي مُــــسْــــلِــــمًــــا وَلَــــوْلَا
فَــــضْــــلُــــكَ لَــــمْ أَعْــــرِفِ الــــنَّــــبِــــيَّ
तू मला मुस्लिम बनवले, आणि जर तुझी कृपा नसती
तर मी पैगंबराला ओळखले नसते
أَسْــــجُــــدُ حَــــقًّــــا عَــــلَــــى جَــــبِــــيــــنِــــي
نَــــعَــــمْ وَخَــــدِّي وَنَــــاظِــــرِيَــــا
मी माझ्या कपाळावर खरेच नमस्कार करतो
होय, आणि माझ्या गालांवर आणि डोळ्यांवर
يَــــارَبِّ صَــــلِّ عَــــلَــــى الــــنَّــــبِــــيِّ
مَــــاتُــــلِــــيَــــتْ سُــــورَةُ الــــمَــــثَــــانِــــي
हे प्रभु, पैगंबरावर आशीर्वादाचा वर्षाव कर
जोपर्यंत पुनरावृत्ती होणारी सूरा वाचली जाते
وَ آلِــــهِ وَ الــــصَّــــحَــــابِ طُـــــرًّا
مَــــارَبِــــــحَ الــــنَّــــاسُ بِــــالإِيــــمَــــانِ
आणि त्याच्या कुटुंबावर आणि साथीदारांवर देखील
जोपर्यंत लोक विश्वासातून लाभ घेतात
وَأَطْــــلُــــبُ الــــحَــــقِّ فِــــي الــــسَّــــعَــــادَة
لِــــكُــــلِّ مَــــنْ ضَــــمَّــــهُ زَمَــــانِــــي
मी अल्लाहला सत्य विचारतो की आनंद येईल
माझ्या काळात राहणाऱ्या सर्वांना.