اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدْ
يَا رَبِّ صَلِّ عَـلَـيْـهِ وَسَـلِّـمْ
अल्लाह! मुहम्मद पर रहमत भेज!
हे प्रभु! उन पर रहमत और सलाम भेज!
إِنْ قِيلَ زُرْتُمْ بِمَ رَجَعْتُمْ
يَا أَكْرَمَ الخَلْقِ مَا نَقُولُ
अगर कहा जाए: "तुमने दौरा किया, तो क्या लौट कर लाए?"
हे सृष्टि के सबसे सम्मानित, हम क्या कहें?
قُولُوا رَجَعْنَا بِكُلِّ خَيْرٍ
وَاجْتَمَعَ الْفَرْعُ وَالْأُصُولُ
कहें: हम हर भलाई के साथ लौटे,
और मूल शाखा से मिल गई
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدْ
يَا رَبِّ صَلِّ عَـلَـيْـهِ وَسَـلِّـمْ
अल्लाह! मुहम्मद पर रहमत भेज!
हे प्रभु! उन पर रहमत और सलाम भेज!
لَوْلَاكَ يَا زِينَةَ الوُجُودِ
مَا طَابَ عَيْشِي وَلَا وُجُودِي
अगर तुम न होते, हे अस्तित्व की शोभा
मेरा जीवन और अस्तित्व सुखद न होता
وَلَا تَرَنَّمْتُ فِي صَلَاتِي
وَلَا رُكُوعِي وَلَا سُجُودِي
और मैं अपनी प्रार्थना में झूमता न
न अपने रुकू' में और न अपनी सजदा में
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدْ
يَا رَبِّ صَلِّ عَـلَـيْـهِ وَسَـلِّـمْ
अल्लाह! मुहम्मद पर रहमत भेज!
हे प्रभु! उन पर रहमत और सलाम भेज!
أَيَا لَيَالِي الرِّضَى عَلَيْنَا
عُودِي لِيَخْضَرَّ مِنْكَ عُودِي
हे संतोष की रातें! हमारे पास
लौट आओ ताकि मेरी शाख हरी हो सके
عُودِي عَلَيْنَا بِكُلِّ خَيْرٍ
بِالمُصْطَفَى طَيِّبِ الْجُدُودِ
हमारे पास हर भलाई के साथ लौट आओ
मुस्तफा (चुने हुए), संतोषजनक पूर्वजों के साथ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدْ
يَا رَبِّ صَلِّ عَـلَـيْـهِ وَسَـلِّـمْ
अल्लाह! मुहम्मद पर रहमत भेज!
हे प्रभु! उन पर रहमत और सलाम भेज!
ثُمَّ الصَّلَاةُ عَلَى نَبِينَا
وآلِهِ الرُّكَّعِ الْسُّجُودِ
फिर हमारे नबी पर प्रार्थनाएँ
और उनके परिवार पर, जो रुकू' और सजदा में हैं