مَا فِي الوُجُودِ وَلَا فِي الْكَوْنِ مِنْ أَحَدٍ
إِلَّا فَقِيرٌ لِفَضْلِ الْوَاحِدِ الأَحَدِ
वजूद में और इस ब्रह्मांड में कोई नहीं है
सिवाय एक भिखारी के, जो एकमात्र के अनुग्रह की तलाश में है
مُعَوِّلُونَ عَلَى إِحْسَانِهِ فُقَرَا
لِفَيْضِ أَفْضَالِهِ يَا نِعْمَ مِنْ صَمَدِ
उसकी कृपा पर निर्भर, जरूरतमंद
उसके अनुग्रह की प्रचुरता के लिए, ओ सर्वोच्च संरक्षक
سُبْحَانَ مَنْ خَلَقَ الأَكْوَانَ مِنْ عَدَمٍ
وَعَمَّهَا مِنْهُ بِالأَفْضَالِ وَالْمَدَدِ
महान है वह जिसने ब्रह्मांड को शून्य से बनाया
उसे अपनी कृपा और समर्थन से घेर लिया
تَبَارَكَ اللهُ لَا تُحْصَى مَحَامِدُهُ
وَلَيْسَ تُحْصَرُ فِي حَدٍّ وَلَا عَدَدِ
अल्लाह धन्य है, उसकी प्रशंसा अनगिनत है
सीमाओं में नहीं बंधी, न ही गिनी जा सकती है
اللهُ اللهُ رَبِّي لَا شَرِيكَ لَهُ
اللهُ اللهُ مَعْبُودِي وَمُلْتَحَدِي
अल्लाह, अल्लाह, मेरा रब, उसका कोई साझेदार नहीं
अल्लाह, अल्लाह, मेरी पूजा और मेरी प्रवृत्ति
اللهُ اللهُ لَا أَبْغِي بِهِ بَدَلًا
اللهُ اللهُ مَقْصُودِي وَمُعْتَمَدِي
अल्लाह, अल्लाह, मैं उसके साथ कोई विकल्प नहीं चाहता
अल्लाह, अल्लाह, मेरा उद्देश्य और मेरा एकमात्र सहारा
اللهُ اللهُ لَا أُحْصِي ثَنَاهُ وَلَا
أَرْجُو سِوَاهُ لِكَشْفِ الضُّرِّ وَالشِّدَدِ
अल्लाह, अल्लाह, मैं उसकी प्रशंसा की गणना नहीं कर सकता
और मैं उसके अलावा किसी से राहत की उम्मीद नहीं करता
اللهُ اللهُ أَدْعُوهُ وَأَسْأَلُهُ
اللهُ اللهُ مَأْمُولِي وَمُسْتَنَدِي
अल्लाह, अल्लाह, मैं उसे विनम्रता से याचना करता हूँ और उससे प्रार्थना करता हूँ
अल्लाह, अल्लाह, मेरी आशा और मेरा सहारा
يَا فَرْدُ يَا حَيُّ يا قَيُّومُ يَا مَلِكًا
يَا أَوَّلًا أَزَلِي يَا آخِرًا أَبَدِي
ओ अद्वितीय, ओ सदा जीवित
ओ आत्मनिर्भर, ओ शासक
أَنْتَ الْغَنِيُّ عَنِ الأَمْثَالِ وَالشُّرَكَا
أَنْتَ الْمُقَدَّسُ عَنْ زَوْجٍ وَعَنْ وَلَدِ
ओ शाश्वत प्रथम, ओ अनंत अंतिम
आप सभी तुलना और साझेदारों से स्वतंत्र हैं
أَنْتَ الْغِيَاثُ لِمَنْ ضَاقَتْ مَذَاهِبُهُ
وَمَنْ أَلَمَّ بِهِ خَطْبٌ مِنَ النَّكَدِ
आप उस व्यक्ति के लिए शरण हैं जिसकी राहें संकीर्ण हो गई हैं
और उस व्यक्ति के लिए जो दुखद भाषणों से पीड़ित है
أَنْتَ الْقَريبُ الْمُجِيبُ الْمُسْتَغَاثُ بِهِ
وَأَنْتَ يَا رَبُّ لِلرَّاجِينَ بِالرَّصَدِ
आप निकट, उत्तरदायी, सहायता के लिए बुलाए गए हैं
और आप, ओ रब, उन लोगों के लिए हैं जो उत्सुकता से आशा करते हैं
أَرْجُوكَ تَغْفِرُ لِي أَرْجُوكَ تَرْحَمُنِي
أَرْجُوكَ تُذْهِبُ مَا عِندِي مِنَ الأَوَدِ
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे क्षमा करें, और मुझ पर दया करें
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझसे कोई टेढ़ापन दूर करें
أَرْجُوكَ تَهْدِينِي أَرْجُوكَ تُرْشِدُنِي
لِمَا هُوَ الْحَقُّ فِي فِعْلِي وَمُعْتَقَدِي
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे मार्गदर्शन करें, मुझे सही राह पर ले जाएं
मेरे कार्य और विश्वास में जो सत्य है
أَرْجُوكَ تَكْفِيَْنِي أَرْجُوكَ تُغْنِيَْنِي
بِفَضلِكَ اللهُ يَا رُكْنِي وَيَا سَنَدِي
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे पर्याप्त करें और मुझे समृद्ध करें
आपकी कृपा से, ओ अल्लाह, ओ मेरा स्तंभ, और ओ मेरा सहारा
أَرْجُوكَ تَنْظُرُنِي أَرْجُوكَ تَنْصُرُنِي
أَرْجُوكَ تُصلِحَ لِـي قَلبِي مَعَ جَسَدِي
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझ पर दृष्टि डालें, मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मेरी सहायता करें
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मेरे लिए मेरे दिल के साथ मेरे शरीर को सुधारें
أَرْجُوكَ تَعْصِمُنِي أَرْجُوكَ تَحْفَظُنِي
يَا رَبِّ مِنْ شَرِّ ذِي بَغْيٍ وَذِي حَسَدِ
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे सुरक्षित रखें और सुरक्षित रखें
ओ मेरे रब, उस व्यक्ति की बुराई से जो अत्याचार करता है और जो ईर्ष्या करता है
أَرْجُوكَ تُحْيِيَْنِي أَرْجُوكَ تَقْبِضُنِي
عَلَى الْبَصِيرَةِ وَالإِحْسَانِ وَالرَّشَدِ
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे जीवन दें और मुझे मृत्यु दें
ज्ञान और आश्वासन, भलाई और मार्गदर्शन के साथ सही रास्ते पर
أَرْجُوكَ تُكْرِمُنِي أَرْجُوكَ تَرْفَعُنِي
أَرْجُوكَ تُسْكِنُنِي فِي جَنَّةِ الْخُلُدِ
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे सम्मानपूर्वक व्यवहार करें और मुझे ऊँचा उठाएं
मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे अनंत उद्यान में निवास दें
مَعَ الْقَرابَةِ وَالأَحْبَابِ تَشْمَُلُنَا
بِالْفَضْلِ وَالْجُودِ فِي الدُّنْيَا وَيَومَ غَدِ
रिश्तेदारों और प्रियजनों के साथ, आप हमें घेरें
कृपा और उदारता के साथ, इस जीवन में और परलोक में
وَجَّهْتُ وَجْهِي إِلَيْكَ اللهُ مُفْتَقِرًا
لِنَيْلِ مَعْرُوفِكَ الجَارِي بِلا أَمَدِ
मैं अपना चेहरा आपकी ओर मोड़ता हूँ, ओ अल्लाह, गरीबी में
आपकी बहती कृपा की प्राप्ति के लिए, बिना अंत के
وَلَا بَرِحْتُ أَمُدُّ الْكَفَّ مُبْتَهِلًا
إِلَيْكَ فِي حَالَيِ الإِمْلَاقِ وَالرَّغَدِ
और मैंने अपने हाथ बढ़ाए हैं, ईमानदारी से प्रार्थना करते हुए
आपकी ओर, जरूरत और समृद्धि दोनों स्थितियों में
وَقَائِلًا بِافْتِقَارٍ لَا يُفَارِقُنِي
يَا سَيِّدي يَا كَريمَ الوَجْهِ خُذْ بِيَدِي
और कह रहा हूँ, एक ऐसी गरीबी के साथ जो मुझसे कभी नहीं जाती,
ओ मेरे स्वामी, ओ जिसकी कृपा हर तरीके में प्रतिबिंबित होती है, कृपया मेरी मदद करें