بِـكَ قَـدْ صَـفَتْ مِـنْ دَهْرِنـَا الأَيـَّامُ
وَتَشَــــرَّفَتْ بِوُجُـــوْدِكَ الأَعــْـوَامُ
तुम्हारे कारण हमारे जीवन के दिन आनंदमय हैं,
और तुम्हारी उपस्थिति ने सभी संसारों को महान बना दिया है।
وَلَــكَ الْمَحَامِــدُ كُلُّهَـا أُوتِيْتَهـَا
فَــاطْرَبْ فَقَــدْ نُشِــرَتْ لَـكَ الأَعْلَامُ
तुम्हें सभी प्रशंसनीय गुण दिए गए हैं,
तो खुश हो जाओ! तुम्हारे लिए ध्वज फहराए गए हैं।
أُوتِيْـتَ مِـنْ فَضْـلِ المُهَيْمِـنِ مِنْحَـةً
مَـــا تَسْـــتَطِيْعُ تَخُطُّهَـــا الاقْلَامُ
संरक्षक ने तुम्हें एक उपहार से सम्मानित किया,
जिसे कलम नहीं लिख सकती।
فَلَـكَ التَّقَـدُّمُ فِـي الفَضَـائِلِ كُلِّهَا
فَاقْــدُمْ فَـأَنْتَ لِمَـنْ سِـوَاكَ اِمَـامُ
तुम सभी गुणों में सबसे आगे हो,
तो आगे बढ़ो, क्योंकि तुम सबके इमाम हो।
ّوَالفَخْــُر فِيـْـكَ تَجَمَّعَــتْ أَوصَـافُهُ
فَلَــكَ العُلَــى والمَجْـدُ والإِعْظَـامُ
सभी सम्मान के गुण तुममें समाहित हैं,
तुम्हारे पास ऊँचाई, महिमा, और प्रतिष्ठा है।
أَنـْتَ الَّذِيْ حُـزْتَ الجَمَـالَ بِأَسْـرِهِ
وبِنُــــورِ وَجْهِـــكَ يَضْـــمَحِلُّ ظَلَامُ
तुमने सम्पूर्ण सौंदर्य प्राप्त किया है,
और तुम्हारे चेहरे की रोशनी अंधकार को मिटा देती है।
أَنْـتَ الَّذِي حَـارَ النُّهـَى فِي وَصْفِهِ
وَبِحُسْــــنِهِ قـَــدْ تَــاهَتِ الاَحْلَامُ
तुम वह हो जिनका वर्णन बुद्धिमानों को चकित कर देता है,
और जिनकी सुंदरता ने लोगों की बुद्धि को मोहित कर दिया है।
يَـــا أوَّلَاً قَـــدْ قَـــدَّمَتْكَ إِرَادَةٌ
سَــبَقَتْ وَفَضْــلُ اللّــهِ والإِنْعَــامُ
हे प्रथम, तुम्हें अल्लाह ने पसंद किया है,
जिसकी इच्छा, कृपा, और आशीर्वाद शाश्वत है।
فَلَئِيـنْ بَـرَزْتَ إِلـى الشَّهَادَةِ اَخِراً
فَوُجُـــودُ رُوحِــكُ لِلــوَرَى قُــدَّامُ
जब तुम परलोक में गवाही देने के लिए प्रकट होते हो,
तुम्हारी आत्मा, समस्त मानवता में सबसे आगे होगी।
فَاضَـتْ مِـنَ المَـولَى عَلَيْـكَ مَـوَاهِبٌ
نَفَــذَتْ بِهَــا الاقْــدَارُ والاَحْكَـامُ
प्रभु के उपहार तुम पर बरसाए गए हैं,
यह उसकी आज्ञा और निर्णय से पूरा हुआ है।
مـَا نَـالَ ذُو شَـرَفٍ وَقـَدْرٍ مِثْلَهَـا
وَلِكُــلِّ رَاقٍ فِــي الــدُّنُوِّ مَقَــامُ
किसी ने तुम्हारे जैसा सम्मान या मूल्य प्राप्त नहीं किया है,
और सभी ऊँचाई और निकटता के लोगों की अपनी स्थिति है।
اللَّــهُ أَكْــبَرُ مَـا بَلَغْـتَ لِرُتْبـَةٍ
إِلَّا وَنَادَتــْـكَ المَـــرَامُ اَمـَــامُ
अल्लाह महान है! जब भी तुमने कोई पद प्राप्त किया,
आकांक्षा ने तुम्हें पुकारा, "आगे बढ़ो!"
فَلَـكَ الـتَّرَقِّي وَالتَّلَقِّـي لـَمْ يَـزَلْ
وَلَــكَ المَلائِـكُ فِـي العُلـَى خُـدَّامُ
तुमने ऊँचाई और आरोहण जारी रखा,
और स्वर्गीय क्षेत्र में स्वर्गदूत तुम्हारे सेवक थे।
إِخْتَــارَكَ المَــولَى نَجِيًّـا بَعـْدَمَا
جَـــاوَزْتَ مــَالَا لِلْعُقُــولِ يُـرَامُ
अल्लाह ने तुम्हें अपने साथ बात करने के लिए चुना
बुद्धि की सीमा से परे जाने के बाद।
وَدَنَــوْتَ مِنْــهُ دُنُــوَّ حَــقٍ أَمْـرُهُ
فِيْنَــا عَلَــى اَفْكَارِنــا الاِبْهَـامُ
तुम उसके निकट सत्य में आए
जो हमारी समझ के लिए अस्पष्ट है।
وَبَلَغْــتَ أَوْ أَدَنـى وَتِلْــكَ مَزِيّــةٌ
عُظْمَــى واسَــرارُ الحَــبِيبِ عِظَـامُ
तुमने "या और भी निकट" प्राप्त किया और वह सबसे बड़ा भेद था,
और प्रिय के रहस्य महान हैं।
فَلْيَهْنَــكَ السِّــرُ الَّــذِي أُوتِيْتَـهُ
والقُـــــرْبُ والاِجلالُ والِاكْــــرامُ
तुम्हें दिया गया रहस्य तुम्हें मुबारक हो
और निकटता, महिमा, और सम्मान।
مِـــنْ حَضْـــرَةٍ عُلْوِيـَّــةٍ قُدْسِــيَّةٍ
قـَــدْ واجَهَتـْــكَ تَحِيـَّــةٌ وَسَــلَامُ
उच्च और पवित्र उपस्थिति से,
तुम्हें अभिवादन और शांति प्राप्त हुई।
فَسَــمِعْتَ مَــالَا يُسْــتَطَاعُ سَــمَاعُهُ
وَعَقَلـْتَ مَـا عَنْـهُ الوَرَى قَدْ نَامُوا
तुमने वह सुना जो सुना नहीं जा सकता,
और वह समझा जो दूसरों के लिए नींद में है।
مَـــا لِلْعُقُــولِ تَصَــوُّرٌ لِحَقِيْقَــةٍ
يَأْتِيـْـكَ مِنْهَــا الـوَحْيُ والِالْهَـامُ
बुद्धि वास्तविकता की कल्पना नहीं कर सकती
उस रहस्योद्घाटन और प्रेरणा की जो तुम्हें प्राप्त होती है।
يَـا سَـيِّدَ الكَـونَيْنِ يَا خَيْرَ الوَرَى
وَافَـــاكَ مِمَّــنْ يَرتَجِيــكَ نِظَــامُ
हे दोनों लोकों के स्वामी, हे सृष्टि के श्रेष्ठ,
तुम पर भरोसा करने वाला यह व्यक्ति तुम्हारी प्रशंसा में पंक्तियाँ लिखता है।
عَبْـــدٌ بِحُبــِّكَ لَا يـَـزَالُ مُوَلَّعًــا
وَلَـــهُ إِلَيــْـكَ تَشَـــوقٌ وَهُيـَـامُ
एक सेवक जो तुम्हारे प्रेम में जलता रहता है,
और तुम्हारी ओर तरसता और लालायित रहता है।
حُــبٌ تَمَكَّــنَ فِـي الحَشَـا فَلِنَـارِهِ
بَيـْـنَ الاَضَــالِعِ والجُنــوبِ ضِـرَامُ
एक प्रेम जिसने मेरे हृदय को जकड़ लिया है,
उसकी आग ने मेरे भीतर को जला दिया है।
فَـأَغِثْهُ يـَا غَـوثَ الَّلهِيـفِ بِنَفْحَـةٍ
تُشْــفى بِهَــا الأَمْــراضُ والاَسـقَامُ
तो उसे बचाओ, हे पछतावे के उद्धारकर्ता, एक हवा से,
जो उसकी बीमारी और रोगों को ठीक कर दे।
وَامْنُـنْ عَلَيْـهِ بِنَظْـرَةٍ يُمْحَـى بِهَـا
عـــَــنْ قَلْبِــــهِ الاِدْرانُ والاِظْلامُ
और उसे एक दृष्टि से अनुग्रहित करो जो
उसके हृदय से जंग और अंधकार को हटा दे।
يَمْتَـــدُّ مِنْهَـــا سِــرُّهُ بِلَطَــائِفٍ
يَقْــوَى بِهَــا الإِيْمــانُ والإِســلامُ
जिसकी कोमलता उसके रहस्य तक फैलती है,
उसके ईमान और इस्लाम को मजबूत करती है।
وَعَلَــى صِــرَاطِكَ يَسْــتَقِيْمُ بِشَـاهِدٍ
مـِـنْ عِلْمِــهِ ثَبَتَــتَ بـِهِ الاَقْـدَامُ
और वह तुम्हारे सीधे मार्ग पर स्थिर रहता है,
ज्ञान के माध्यम से उसके पैर स्थिर रहते हैं।
يـَا مَـنْ عَلَيْـهِ مُعَوَّلِي فـِي كُلِّ مَا
أَرْجُــو وَمْنــُه الفَضْــلُ والِانْعَـامُ
हे वह जिस पर मैं हर चीज़ में भरोसा करता हूँ
जो मैं चाहता हूँ, और उससे मैं अनुग्रह और आशीर्वाद की आशा करता हूँ।
مَــا أَمَّــكَ الرَّاجُــونَ إِلَّا أَدْرَكُـوا
مِـنْ فَيـْضِ جُـودِكُ والعَطَا مَا رَامُوا
जब भी आशावान तुम्हें खोजते हैं,
वे तुम्हारी उदारता की बौछार से अपनी इच्छाओं से परे उपहार प्राप्त करते हैं।
بِالبـَابِ قُمْـتُ وَأَنـْتَ اعْظَـمُ مَطْلَـبٍ
تَشْـــــتَاقُهُ الأَرْوَاحُ وَالأَجْسَــــامُ
मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ, और तुम सबसे महान हो जिसे खोजा जाता है,
जिसकी आत्माएँ और शरीर लालायित रहते हैं।
فَاسْمَحْ وَجُدْ لِي بِالوِصَالِ فَفِي الحَشَا
شَـــوْقٌ إِلَيْـــكَ وَلَوْعَــةٌ وَغَــرَامُ
अनुमति दो और मुझे संबंध से अनुग्रहित करो,
क्योंकि मेरे हृदय में तुम्हारी ओर लालसा और प्रेम की आग है।
وَعَلَيْـكَ صَـلَّى اللَّـهُ يَا عَلَمَ الهُدَى
مــَا غَــرَّدَتْ فَـوْقَ الغُصُـونِ حَمـَامُ
और तुम पर अल्लाह की आशीर्वाद हो, हे मार्गदर्शन के ध्वज,
जब भी शाखाओं पर कबूतर गाते हैं।
والاَلِ وَالأَصْــحَابِ يَـا نِعـْمَ الأُولـَى
سَــبَقُوا وَأَصْــحَابُ الكَرِيْـمِ كِـرَامُ
और तुम पर तुम्हारे परिवार और साथी हों, हे श्रेष्ठ,
उन्होंने श्रेष्ठ के साथियों को पार कर लिया, और श्रेष्ठ हैं।