الــرَّبُّ صَــلَّــى دَائِــمــاً وَسَــلَّــمْ [ يَــا الله ]
عَــلَــى الــمُــكَــرَّمْ [شَــيْءْ لِلّه]
रब ने हमेशा सलाम और सलाम भेजा [या अल्लाह]
सम्मानित पर [कुछ अल्लाह के लिए]
مَــا زَمْــزَمَ الــحَــادِي وَمَــا تَــرَنَّــمْ [ يَــا الله ]
فــي الــلَّــيْــلِ الأَظْــلَــمْ [شَــيْءْ لِلّٰه]
जब तक ऊंट का चालक गुनगुनाता और गाता है [या अल्लाह]
अंधेरी रात में [कुछ अल्लाह के लिए]
أَرْجُـو إِلَـهِـي ذَا الـكَـرَمْ وَالإِفْـضَـالْ [ يَـا الله ]
مَـوْلَـى الـمَـوَالِـي [شَـيْءْ لِلّه ]
मैं अपने ईश्वर से आशा करता हूँ, जो सम्मान और उपकार का मालिक है [या अल्लाह]
सभी का मालिक [कुछ अल्लाह के लिए]
يَـفْـتَـحْ عَـلَـى قَـلْـبِـي سَـنِـيَّ الأَحْـوَالْ [ يَـا الله ]
مِـنْ كُـلِّ عَـالِـي [شَـيْءْ لِلّه ]
कि वह मेरे दिल पर सबसे ऊँचे हालात खोल दे [या अल्लाह]
सभी महान चीजों में से [कुछ अल्लाह के लिए]
الــرَّبُّ صَــلَّــى دَائِــمــاً وَسَــلَّــمْ [ يَــا الله ]
عَــلَــى الــمُــكَــرَّمْ [شَــيْءْ لِلّه]
रब ने हमेशा सलाम और सलाम भेजा [या अल्लाह]
सम्मानित पर [कुछ अल्लाह के लिए]
مَــا زَمْــزَمَ الــحَــادِي وَمَــا تَــرَنَّــمْ [ يَــا الله ]
فــي الــلَّــيْــلِ الأَظْــلَــمْ [شَــيْءْ لِلّٰه]
जब तक ऊंट का चालक गुनगुनाता और गाता है [या अल्लाह]
अंधेरी रात में [कुछ अल्लाह के लिए]
مِـمَّـا مَـنَـحْ أَوْتَـادَهَـا وَالأَبْـدَالْ [ يَـا الله ]
أَهْـلَ الـكَـمَـالِ [شَـيْءْ لِلّه ]
जो उसने औताद और अब्दाल को दिया [या अल्लाह]
पूर्ण स्थिति के लोग [कुछ अल्लाह के लिए]
وَأَغْـوَاثَـهَـا وَأَطْـوَادَهَـا وَالأَقْـطَـابْ [ يَـا الله ]
نِعْمَ الـرِّجَـالِ [شَـيْءْ لِلّه ]
और अघ्वाथ, अतवाड और अक़्ताब [या अल्लाह]
महानतम लोग [कुछ अल्लाह के लिए]
الــرَّبُّ صَــلَّــى دَائِــمــاً وَسَــلَّــمْ [ يَــا الله ]
عَــلَــى الــمُــكَــرَّمْ [شَــيْءْ لِلّه]
रब ने हमेशा सलाम और सलाम भेजा [या अल्लाह]
सम्मानित पर [कुछ अल्लाह के लिए]
مَــا زَمْــزَمَ الــحَــادِي وَمَــا تَــرَنَّــمْ [ يَــا الله ]
فــي الــلَّــيْــلِ الأَظْــلَــمْ [شَــيْءْ لِلّٰه]
जब तक ऊंट का चालक गुनगुनाता और गाता है [या अल्लाह]
अंधेरी रात में [कुछ अल्लाह के लिए]
يَـا الـلّٰـهْ بِـذَرَّةْ مِـنْ مَـحَـبَّـةِ الـلّٰـهْ [ يَـا الله ]
تُـحْـيِـي فُـؤَادِي [شَـيْءْ لِلّه ]
हे अल्लाह, अपने प्रेम का एक कण भी दे [या अल्लाह]
जो मेरे दिल को जीवन देगा [कुछ अल्लाह के लिए]
أَفْـنَـى بِـهَـا عَـنْ كُـلِّ مَـا سِـوَى الـلّٰـهْ [ يَـا الله ]
بَـيْـنَ الـعِـبَـادِ [شَـيْءْ لِلّه ]
और जिससे मैं अल्लाह के सिवा सब कुछ देखना बंद कर दूँगा [या अल्लाह]
सभी सेवकों में से [कुछ अल्लाह के लिए]
الــرَّبُّ صَــلَّــى دَائِــمــاً وَسَــلَّــمْ [ يَــا الله ]
عَــلَــى الــمُــكَــرَّمْ [شَــيْءْ لِلّه]
रब ने हमेशा सलाम और सलाम भेजा [या अल्लाह]
सम्मानित पर [कुछ अल्लाह के लिए]
مَــا زَمْــزَمَ الــحَــادِي وَمَــا تَــرَنَّــمْ [ يَــا الله ]
فــي الــلَّــيْــلِ الأَظْــلَــمْ [شَــيْءْ لِلّٰه]
जब तक ऊंट का चालक गुनगुनाता और गाता है [या अल्लाह]
अंधेरी रात में [कुछ अल्लाह के लिए]
فَـمَـا أُرَجِّـي الـيَـوْمْ كَـشْـفْ كُـرْبَـةْ [ يَـا الله ]
مِـمَّـا أُعَـانِـي [شَـيْءْ لِلّه ]
तो, मैं आज संकटों से राहत की तलाश करता हूँ [या अल्लाह]
जिनसे मैं संघर्ष कर रहा हूँ [कुछ अल्लाह के लिए]
إلَّا أَنْ صَـفَـا لِـي مَـشْـرَبُ الـمَـحَـبَّـةْ [ يَـا الله ]
فـي كَـاسْ هَـانِـي [شَـيْءْ لِلّه ]
सिवाय इसके कि प्रेम का पेय मेरे लिए शुद्ध हो जाए [या अल्लाह]
सुख के प्याले में [कुछ अल्लाह के लिए]
الــرَّبُّ صَــلَّــى دَائِــمــاً وَسَــلَّــمْ [ يَــا الله ]
عَــلَــى الــمُــكَــرَّمْ [شَــيْءْ لِلّه]
रब ने हमेशा सलाम और सलाम भेजा [या अल्लाह]
सम्मानित पर [कुछ अल्लाह के लिए]
مَــا زَمْــزَمَ الــحَــادِي وَمَــا تَــرَنَّــمْ [ يَــا الله ]
فــي الــلَّــيْــلِ الأَظْــلَــمْ [شَــيْءْ لِلّٰه]
जब तक ऊंट का चालक गुनगुनाता और गाता है [या अल्लाह]
अंधेरी रात में [कुछ अल्लाह के लिए]
وَاعْـلَـمْ بِـأَنَّ الـخَـيْـرَ كُـلَّـهْ أَجْـمَـعْ [ يَـا الله ]
إِنْ كُـنْـتَ تَـسْـمَـعْ [شَـيْءْ لِلّه ]
जान लो कि सभी अच्छाई पूरी तरह से [या अल्लाह]
यदि आप वास्तव में सुन रहे हैं [कुछ अल्लाह के लिए]
ضِـمْـنَ اتِّـبَـاعِـكْ لـلـنَّـبِـيِّ الـمُـشَـفَّـعْ [ يَـا الله ]
الـبَـابْ فَـاقْـرَعْ [شَـيْءْ لِلّه ]
तो वह आपके पैगंबर के अनुसरण में है जिसे मध्यस्थता दी गई है [या अल्लाह]
तो (उसके) दरवाजे पर दस्तक दो [कुछ अल्लाह के लिए]
الــرَّبُّ صَــلَّــى دَائِــمــاً وَسَــلَّــمْ [ يَــا الله ]
عَــلَــى الــمُــكَــرَّمْ [شَــيْءْ لِلّه]
रब ने हमेशा सलाम और सलाम भेजा [या अल्लाह]
सम्मानित पर [कुछ अल्लाह के लिए]
مَــا زَمْــزَمَ الــحَــادِي وَمَــا تَــرَنَّــمْ [ يَــا الله ]
فــي الــلَّــيْــلِ الأَظْــلَــمْ [شَــيْءْ لِلّٰه]
जब तक ऊंट का चालक गुनगुनाता और गाता है [या अल्लाह]
अंधेरी रात में [कुछ अल्लाह के लिए]
صَـلَّـى عَـلَـيْـهِ الله مَـا تَـشَـعْـشَـعْ [ يَـا الله ]
مِـنْ كُـلِّ مَـطْـلَـعْ [شَـيْءْ لِلّه ]
अल्लाह उन पर आशीर्वाद भेजे जब तक कि प्रकाश [या अल्लाह]
हर क्षितिज से चमकता है [कुछ अल्लाह के लिए]
فَـجْـرٌ وَمَـا سَـالَـتْ عُـيُـونُ الأَشْـعَـابْ [ يَـا الله ]
مِـنْـهَـا تَـفَـرَّعْ [شَـيْءْ لِلّه ]
भोर से, और जब तक घाटियों की धाराएँ [या अल्लाह]
और उनसे शाखाएं निकलती हैं [कुछ अल्लाह के लिए]