الْزَم بَابَ رَبِّكَ
अपने प्रभु के द्वार पर डटे रहो
اِلْزَمْ بَابَ رَبِّكْ ، وَاتْرُكْ كُلَّ دُونْ
وَاسْأَلْهُ السَّلَامَةْ مِنْ دَارِ الفُتُونْ
अपने प्रभु के दरवाजे से चिपके रहो, और बाकी सब छोड़ दो।
उसे परीक्षाओं के निवास से सुरक्षा के लिए पूछो।
لا يَضِيقُ صَدْرُكْ ، فَالحَادِثْ يَهُونْ
اللهُ المُقَدِّرْ، وَالعَالَمْ شُئُونْ
तुम्हारा दिल संकीर्ण न हो, यह अस्थायी दुनिया महत्वहीन है।
अल्लाह सभी भाग्यों का निर्णयकर्ता है, और दुनिया केवल इसका प्रकट रूप है।
لا يَكْثُرُ هَمُّكْ
مَا قُدِّرْ يَكُونْ
तुम्हारी चिंताएँ अधिक न हों।
जो कुछ भी निर्धारित है, वह घटित होगा।
فِكْرَكْ وَاخْتِيَارَكْ دَعْهُمَا وَرَاكْ
وَالتَّدْبِيرَ أَيْضًا ، وَاشْهَدْ مَنْ بَرَاكْ
तुम्हारे विचार और चुनाव, उन्हें अपनी पीठ के पीछे फेंक दो।
तुम्हारी योजनाएँ भी; देखो जिसने तुम्हें बनाया।
مَوْلَاكَ المُهَيْمِنْ ، إِنَّهُ يَرَاكْ
فَوِّضْ لُهْ أُمُورَكَ ، وَاحْسِنْ بِالظُّنُونْ
तुम्हारा मालिक, प्रभुत्वशाली - निस्संदेह, वह तुम्हें देखता है।
उसे अपनी सभी समस्याएँ सौंप दो और उसके बारे में अपनी राय को सुंदर बनाओ।
لا يَكْثُرُ هَمُّكْ
مَا قُدِّرْ يَكُونْ
तुम्हारी चिंताएँ अधिक न हों।
जो कुछ भी निर्धारित है, वह घटित होगा।
لَوْ وَلِمْ وَكَيفَ قَوْلُ ذِي الحَمَقْ
يَعْتَرِضْ عَلَى اللَّهِ الَّذِي خَلَقْ
अगर, क्यों, और कैसे मूर्खों के कथन हैं।
अल्लाह का विरोध करना जिसने सब कुछ सच्चाई में बनाया, विभाजित किया और निर्धारित किया।
وَقَضَى وَقَدَّرْ كُلَّ شَيءْ بِحَقّ
يَا قَلبي تَنَبَّهْ ، وَاتْرُكِ المُجُونْ
ओ मेरे दिल, जागो और धृष्टता को छोड़ दो।
तुम्हारी चिंताएँ अधिक न हों।
لا يَكْثُرُ هَمُّكْ
مَا قُدِّرْ يَكُونْ
जो कुछ भी निर्धारित है, वह घटित होगा।
उसने, सर्वोच्च, ने आजीविका और जीवनयापन की जिम्मेदारी ली है।
قَدْ ضَمِنْ تَعَالَى بِالرِّزْقِ القَوَامْ
فِي الكِتَابِ المُنْزَلْ نُورًا لِلأَنَامْ
एक पुस्तक में जो सृष्टि के लिए एक प्रकाश के रूप में प्रकट हुई।
तो, स्वीकृति एक कर्तव्य है, और असंतोष वर्जित है।
فَالرِّضَا فَرِيضَةْ ، وَالسَّخَطْ حَرَامْ
وَالقُنُوعْ رَاحَةْ ، وَالطَّمَعْ جُنُونْ
संतोष शांति है, और लालच पागलपन है।
तुम्हारी चिंताएँ अधिक न हों।
لا يَكْثُرُ هَمُّكْ
مَا قُدِّرْ يَكُونْ
जो कुछ भी निर्धारित है, वह घटित होगा।
तुम और सारी सृष्टि सेवक हैं,
أَنْتَ وَالخَلَائِقْ كُلُّهُمْ عَبِيدْ
وَالإِلَهُ فِينَا يَفْعَلْ مَا يُرِيدْ
और भगवान हमारे साथ जैसा चाहते हैं वैसा करते हैं।
तुम्हारी चिंता और तनाव - धिक्कार है तुम्हें - कुछ भी लाभ नहीं देगा।
هَمُّكَ وَاغْتِمَامُكْ وَيْحَكْ مَا يُفِيدْ
القَضَا تَقَدَّمْ ، فَاغْنَمِ السُّكُونْ
दिव्य निर्णय आ चुका है, इसलिए शांत रहो।
तुम्हारी चिंताएँ अधिक न हों।
لا يَكْثُرُ هَمُّكْ
مَا قُدِّرْ يَكُونْ
जो कुछ भी निर्धारित है, वह घटित होगा।
जो दूसरों के लिए निर्धारित है वह तुम्हें कभी नहीं मिलेगा।
الَّذِي لِغَيْرِكْ لَنْ يَصِلْ إلَيْكْ
وَالَّذِي قُسِمْ لَكْ حَاصِلٌ لَدَيْكْ
और जो तुम्हारे लिए विभाजित किया गया था, वह तुम्हें प्राप्त होगा।
तो, अपने प्रभु और उस पर ध्यान केंद्रित करो जो तुम्हारे लिए जिम्मेदार है।
فَاشْتَغِلْ بِرَبِّكْ وَالَّذِي عَلَيْكْ
فِي فَرْضِ الحَقِيقَةْ وَالشَّرْعِ المَصُونْ
वास्तविकता के कर्तव्यों और संरक्षित पवित्र कानून में।
तुम्हारी चिंताएँ अधिक न हों।
لا يَكْثُرُ هَمُّكْ
مَا قُدِّرْ يَكُونْ
जो कुछ भी निर्धारित है, वह घटित होगा।
चुने हुए का पवित्र कानून, मार्गदर्शक, शुभ समाचार देने वाला।
شَرْعِ المُصْطَفَى الهَادِي البَشِيرْ
خَتْمِ الأَنْبِيَاءِ البَدْرِ المُنِيرْ
नबियों की मुहर, चमकदार पूर्णिमा।
अल्लाह की आशीर्वाद, सर्वशक्तिमान प्रभु।
صَلَّى اللهُ عَلَيهِ الرَّبُّ القَدِيرْ
مَا رِيحُ الصَّبَا مَالَتْ بِالغُصُونْ
जब तक सुबह की हवा शाखाओं को झुकाती है।
तुम्हारी चिंताएँ अधिक न हों।
لا يَكْثُرُ هَمُّكْ
مَا قُدِّرْ يَكُونْ
जो कुछ भी निर्धारित है, वह घटित होगा।