عُودِي يَا لَيَالِي الرِّضَا
بِالأُنْسِ الَّذِى قَدْ مَضَى
लौट आओ, ओ संतोष की रातें,
वह आनंद जो कभी था
قَدْ رَضِىَ المَحْبُوبْ
وَنِلْنَا المَطْلُوبْ
प्रिय संतुष्ट है
और हमने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है
وَنَادَى مُنادِي الشَّرَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
सम्मान का संदेशवाहक पुकारता है:
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
يَا مَنْ عَوَّدُونَا الوَفَا
أَنْتُمْ حَسْبُنَا وَكَفَى
ओ तुम, जिन्होंने हमें वफादारी की आदत डाली
तुम हमारे लिए पर्याप्त हो और हमारी सभी जरूरतें पूरी करते हो
يَا أَهْلَ المَعْرُوفْ
وَالصَّفْحِ المَأْلُوفْ
ओ सद्गुण के लोग
और निरंतर माफी देने वाले
عَبْدٌ بِالذُّنُوبِ اعْتَرَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
(मैं) एक सेवक हूँ, जो सभी पापों को स्वीकार करता है
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
عُودِي يَا لَيَالِي الرِّضَا
بِالأُنْسِ الَّذِى قَدْ مَضَى
लौट आओ, ओ संतोष की रातें,
वह आनंद जो कभी था
قَدْ رَضِىَ المَحْبُوبْ
وَنِلْنَا المَطْلُوبْ
प्रिय संतुष्ट है
और हमने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है
وَنَادَى مُنادِي الشَّرَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
सम्मान का संदेशवाहक पुकारता है:
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
عَبْدٌ عَنْكُمُ لَمْ يَحُلْ
وَمِنْ صَدِّكُمْ قَد يَحُلّ
(मैं) एक सेवक हूँ जो तुमसे कभी नहीं हटा
और जो तुम्हारी अस्वीकृति से मुक्त हो गया है
وَاصِلُوا المَهْــجُـورْ
واجْبُرُوا المَكْــسُورْ
अकेले को पास लाओ
और टूटे हुए को ठीक करो
وَارْحَمُوا شَدِيدَ الأَسَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
दुखी पर दया करो
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
عُودِي يَا لَيَالِي الرِّضَا
بِالأُنْسِ الَّذِى قَدْ مَضَى
लौट आओ, ओ संतोष की रातें,
वह आनंद जो कभी था
قَدْ رَضِىَ المَحْبُوبْ
وَنِلْنَا المَطْلُوبْ
प्रिय संतुष्ट है
और हमने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है
وَنَادَى مُنادِي الشَّرَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
सम्मान का संदेशवाहक पुकारता है:
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
مَن لِى غَيْرُكُمْ أَرْتَجِي
وَإِلَى بَابِ مَنْ أَلْتَجِــــي
तुम्हारे अलावा और कौन है जिस पर मैं आशा रखूं
और किसके दरवाजे पर मैं शरण लूं।
مَــــــــا لِفَـاقَتـِـــــي
إِلَّا سَـــــادَتـِــــــــــــــــي
मेरी निराशा में मदद करने वाला कोई नहीं है
मेरे स्वामियों के अलावा
مَالِي عَنْكُمُ مُنْصَرَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
मैं तुमसे कभी दूर नहीं जाऊंगा
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
عُودِي يَا لَيَالِي الرِّضَا
بِالأُنْسِ الَّذِى قَدْ مَضَى
लौट आओ, ओ संतोष की रातें,
वह आनंद जो कभी था
قَدْ رَضِىَ المَحْبُوبْ
وَنِلْنَا المَطْلُوبْ
प्रिय संतुष्ट है
और हमने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है
وَنَادَى مُنادِي الشَّرَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
सम्मान का संदेशवाहक पुकारता है:
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
تَرَى هَلْ يَزُولُ الجَفَـــــا
وَمِنْكُمْ نَنَالُ الـــــوَفَا
क्या तुम्हें लगता है कि त्याग समाप्त हो जाएगा
और कि हम तुमसे वफादारी प्राप्त करेंगे
كُونُوا لِي أَنْتُــــــمْ
كَمَا قَــــــدْ كُـــنْتُمْ
मेरे लिए रहो,
जैसे तुम पहले थे।
قُولُـوا عَبْدَنَـــا لا تَـخَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
कहो, "हमारे सेवक, डरो मत!
अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
عُودِي يَا لَيَالِي الرِّضَا
بِالأُنْسِ الَّذِى قَدْ مَضَى
लौट आओ, ओ संतोष की रातें,
वह आनंद जो कभी था
قَدْ رَضِىَ المَحْبُوبْ
وَنِلْنَا المَطْلُوبْ
प्रिय संतुष्ट है
और हमने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है
وَنَادَى مُنادِي الشَّرَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
सम्मान का संदेशवाहक पुकारता है:
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"
مَالِي غَيْرُ إِحْسَانِكُمْ
فَمُنُّوا بِغُفْرَانِكُمْ
मुझे तुमसे कोई उपकार नहीं है,
तो हमें अपनी माफी से आशीर्वाद दो।
لِلعَبْدِ الجَانِي
جَمِّ العِصْيَانِ
...इस पापी सेवक के लिए
जो अवज्ञा से भरा हुआ है
عَلَى بَابِكُمْ وَقَفْ
عَفَا اللَّهُ عَمَّا سَلَفْ
जो तुम्हारे दरवाजे पर खड़ा है।
"अल्लाह ने जो कुछ हुआ उसे माफ कर दिया है।"